Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य कहते हैं कि हर कोई कुछ भी करने से पहले एक अच्छी रणनीति बनाता है, लेकिन उस रणनीति को गुप्त रखना भी बहुत जरूरी है। आचार्य चाणक्य ने एक श्लोक में उल्लेख किया है कि ‘मंत्रविश्रवि कर्म नाशयति’ दूसरे शब्दों में कहें तो जो लोग किसी भी चीज़ के संबंध में अपनी योजनाओं को गुप्त नहीं रख पाते, उनका कार्य नष्ट हो जाता है। आचार्य चाणक्य के अनुसार ऐसे लोगों में किसी भी चीज की योजना बनाने में लापरवाही सामने आती है।
अक्सर ऐसा होता है कि जब कोई योजना बनाई जाती है तो उस समय कुछ अवांछित लोग मौजूद हो सकते हैं जो उसका रहस्य शत्रु को बता सकते हैं। इसलिए यह याद रखना चाहिए कि सभी कार्यों की सफलता के लिए सलाह गुप्त रखनी चाहिए और जब तक कार्य पूर्ण रूप से सफल न हो जाए तब तक उसे गुप्त ही रखना चाहिए।
॥ प्रमादाद् द्विषतां वशमुपयास्यति ।।
इस श्लोक में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि यदि राजा या राज्य कर्मचारी अपनी सलाह को गुप्त रखने में थोड़ा भी आलसी या लापरवाही बरतेंगे तो योजना का रहस्य सुरक्षित नहीं रह पाएगा और उसका रहस्य शत्रु के हाथ में चला जाएगा।
॥ सर्वद्वारेभ्यो मन्त्रो रक्षितव्यः ॥
आचार्य चाणक्य के अनुसार हमें अपनी योजना के प्रकट होने के सभी रास्तों को रोककर उसकी रक्षा करनी चाहिए यानी हमें ऐसा प्रयास करना चाहिए कि हमारी योजना किसी भी तरह से प्रकट न हो सके। गोपनीय रहस्यों को उजागर होने से बचाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए। ऐसे सभी दरवाजे बंद कर देने चाहिए, जहां से भेद खुलने की संभावना हो, अर्थात जिनके पेट में बात न पचती हो, उन चुगलखोरों के सामने सलाह नहीं लेनी चाहिए।
अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो कृपया इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक करें। इस तरह के और लेख पढ़ने के लिए कृपया हमारे फेसबुक पेज को फॉलो करें। अपनी प्रतिक्रिया हमें कमेंट बॉक्स में भेजें।